STORYMIRROR

bhandari lokesh

Romance

4  

bhandari lokesh

Romance

एक कप चाय

एक कप चाय

1 min
380

जब जब तेरी याद आती है

एक कप चाय पी लेता हूँ

फिर मुलाक़ात होगी शायद

यही सोचकर थोड़ा और जी लेता हूँ

बस एक कप चाय पी लेता हूँ

एक धुंधली सी याद है

वो पहली मुलाक़ात थी

एक कप चाय के साथ

कुछ मीठी मीठी बात थी

यूँ तो अन्जान था सब कुछ

हम साथ थे यही बात इत्तेफाक़ थी

लौट आये कभी वो गुजरा जमाना

यही सोचकर थोड़ा और जी लेता हूँ

बस एक कप चाय पी लेता हूँ

चाय की चुस्कियां

तेरी कमी महसूस नहीं होने देती

बस चाय ही है

जो हमें खुद से दूर नहीं होने देती

अब हर प्याले में तेरा चेहरा दिखाई देता है

चाय साथ हो तो लगता है

तू पास बैठा है

इन सर्द हवाओं में

हिचकिओं के साथ

थोड़ा सा और जी लेता हूँ

जब जब तेरी याद आती है

बस एक कप चाय पी लेता हूँ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance