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अनूप अंबर

Romance

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अनूप अंबर

Romance

तेरी गलियों से होकर

तेरी गलियों से होकर

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200

तेरी गलियों से होकर

जब भी मैं गुजरता हूं,

तेरी यादों की खुशबू से

मैं तो फिर महकता हूं,


तेरे संग ही मैं हंसता था

तेरे साथ ही मैं रोता था,

मुझको पता नहीं था कि

प्यार ऐसे भी होता है

अब तो जीवन का अपने 

हर पल तेरे नाम करता हूं


वो चुपके से तेरा आना

फिर मुझसे लिपट जाना

आज भी दिल में तेरी बांहों की

हसीं ख्वाहिश रखता हूं


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