शिव की छवि निराली है
शिव की छवि निराली है
जो हलाहल का पान करे
सबको समान प्यार करे ।
जिनकी नंदी की सवारी है,
साथ में गौरा प्यारी है ।।
शिव की छवि निराली है,
इसकी तो बात निराली है,
शिव को जो सुमिरे,
उसे आनंद मिल जाता है,
ये दानी बहुत बड़ा है,
जो मांगो वो मिल जाता है।।
शिव करते सब पर सदा कृपा,
उन्हें नमन बारम्बार है ।।
