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अनूप अंबर

Tragedy

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अनूप अंबर

Tragedy

अंधविश्वास के बदल

अंधविश्वास के बदल

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अंधविश्वास के घने बादल छाए हैं

उम्मीद की किरण नजर नही आती है ।

हम इक्कीस सदी में भी इससे,

देखो !अब मुक्ति न मिल पाती है ।।


चांद पर पहुंच चुका है मानव,

हर पल कदम बढ़ा रहा है ।

विज्ञान हर दिवस सच से

अब अवगत हमें करा रहा है।।


फिर कौन यहां अंधविश्वास का,

पाखंड को फैला रहा है ।

प्रगतिशील देश की राह में,

अब अवरोध सम्मुख ला रहा है ।।



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