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कवी श्रेयस

Tragedy

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कवी श्रेयस

Tragedy

दिया ख़ुद ही बुझाकर छोड़ दिया

दिया ख़ुद ही बुझाकर छोड़ दिया

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दिया ख़ुद ही बुझाकर छोड़ दिया 

मै गैर था उसने अपना बना के छोड़ दिया

हजारों चेहरे मौजूद थे लेकीन मेरा वजूद ही नहीं था

इस मतलबी दुनिया ने किस उलझन में लाकर छोड़ दिया 


ढूंढ ने पर भी खुद को में ढूंढ नहीं पाया

ढूंढता भी कैसे खुद को, उसने गले से लगाकर छोड़ जो दिया

अब इस भीड़ भरी वादियों से बहुत दूर जा चुका हूं में 

 मेरे लिए कभी उदास मत होना


मै तो वो हूं जिसे तूने मुस्कुरा के छोड़ दिया

तूने ये भी नहीं बताया कि तेरे मेरे दर्मिया फासला क्या था 

मुझे रस्ता दिखाकर तूने छोड़ जो दिया था 

अब भटक सा गया हूं तूने भुला जो दिया


मेरे दिल में क्या है ये तूने एक बार भी झांक के नहीं देखा

खुद अपनी जात से पर्दा उठा के मुझे छोड़ जो दिया था 

मै तेरे लिए एक बीमारी था लेकिन तू तो मेरी दवाई थी 

मुझे तूने क्यू छोड़ा पता नहीं क्या रुसवाई थी


क्यू ढूंढू अब में खुद को जिसे तंग आकर तूने मुझे छोड़ जो दिया

खुद को ढूंढा था मैंने लेकिन खुद को में पहचान ना पाया 

राज अपने दिल के दिल में ही दफना कर मै खुद को अब भूल गया 

अब क्या शिकायत करू तुझसे उस खुदा ने भी तो मुझे जमी पर गिरा के छोड़ जो दिया।



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