ना खुशी में खुदकुशी क्यों करते हो..?
ना खुशी में खुदकुशी क्यों करते हो..?
ना खुशी में खुदकुशी क्यों करते हो..?
ना खुशी में खुदकुशी करके किसी की आत्मा को तुम यूँ सताओगे,
फिर दर-बदर भटकोगे तुम तब भी खुश नहीं रह पाओगे।
खुदा के दर से पैगाम आए बिना ही खुदा के यहांँ पहुंँच जाओगे,
यूँ बिन बुलाए मेहमान की तरह क्या ही
सुख पाओगे तुम वहांँ भी खुश नहीं रह पाओगे।
अब और नहीं सह पाओगे ये सोच कर
तुम तो खुदकुशी कर जाओगे,
अपनों पर क्या बीतेगी ये सोचना भी तुम भूल जाओगे
तुम यह करके भी खुश नहीं रह पाओगे।
ना खुशी से अच्छा खुदकुशी करने के फैसले को
क्या अब भी तुम बेहतर ही बताना चाहोगे..?