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कवी श्रेयस

Abstract Tragedy Thriller

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कवी श्रेयस

Abstract Tragedy Thriller

बात निकलेगी और दूर तलक जायेगी

बात निकलेगी और दूर तलक जायेगी

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बात निकलेगी और दूर तलक जायेगी...... 


लोग बे बुनियत बे वजह उदासी का सबब पूछेंगे

ये भी पूछेंगे की तुम इतने परेशान क्यों हो 

उंगलियां उठेगी मुरझाए हुए चेहरे की तरफ़

एक नज़र देखेंगे मेरे जख्मों की तरफ़

जख्मों पर भी कई तंज किए जायेंगे 

टूटे हुए दिल पे भी जख्म दिए जायेंगे 


ये दुनिया ये लोग जालिम है हर एक बात का ताना देंगे

बातो ही बातो में मेरा जिक्र भी ले आयेंगे

उनकी बातों का जरा सा भी असर मत लेना ए मेरे दोस्त

वरना चेहरे की तासूर से भी समझ जायेंगे 

चाहे कुछ भी हो कोई सवाल मत करना उनसे 

मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे नही तो 


बात निकलेगी और दूर तलक जायेगी....


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