फ्री टाइम बकवास
फ्री टाइम बकवास
जिंदगी कितनी उदास है .......
जिंदगी कितनी उदास है ........
किसी की तलाश है।
किसी की तराश है
तो कोई पिता शराब है।
कोई करता बकवास है
तो कोई सहता पूरी रात है।
कोई रोता पूरी रात है
तो कोई तङपता पूरी रात है।
ये रात भी कितनी खराब है
जो रोता है उसे जगा देती है।
जो हंसता है उसे सुला देती है
फिर भी जिंदगी से
हमे कितनी आस है
और ये आस भी
रखते अपने पास है
जब होती अपने पास
तो करते तराश है
और जब होती है दुर
तो करते है तलाश
क्योकि यही है
फ्री टाइम बकवास........
क्योकि यही है
फ्री टाइम बकवास......
