बेपनाह प्यार
बेपनाह प्यार
सुना है तेरी बस्ती में,
मोहब्बत बस्ती है
फिर भी
तू मोहब्बत के लिए क्यूँ तरसती है
तू इजाजत दे ,
तो तुझे ले चालू
ऐसी बस्ती में
जिस बस्ती में
तेरी मोहब्बत बस्ती है
तुम कहे तो
खुदा को झुका दूँ तेरे कदम मे
क्योंकि
खुदा की इबादत मे
तुम ही तो बस्ती है

