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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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वो लड़की

वो लड़की

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बालों से बादल लाती वो लडक़ी

मेरा दिल हर लम्हा चुराती वो लड़की

माथे की बिंदी से दीपक जलाती वो लड़की

होंठों से कोई नया गीत गुनगुनाती वो लडक़ी


बच्चों की तरह खिलखिलाती वो लड़की

मेरे लिए सबसे लड़ जाती वो लड़की

अदरक से दुश्मनी निकालती वो लड़की

एक पल में इशारे समझती वो लड़की


एक नजर में दिल में उतरती वो लड़की

चूड़ी पहन सावन लाती वो लड़की

कमरबंद में इठलाती वो लड़की

अपने यौवन पर इतराती वो लड़की


मुझे देख बस मुस्कुराती वो लड़की

मेरे बाँहों में अक्सर सो जाती वो लड़की।।


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