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कवी श्रेयस

Abstract

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कवी श्रेयस

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अपने हर एक लफ्ज का

अपने हर एक लफ्ज का

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अपने हर एक लफ्ज का खुद आईना बन जाऊंगा

मुझे झूठा कहकर वो भी सच्चा कैसे बन जायेगा 

 

मुझे झूठा कहने लगे थे तुम ने सोचा ही नहीं 

मैं सच्च बोला तो बड़ा मसअला बन कर खड़ा हो जाउंगा 


मुझे सच्चाई की राह पर चलने दो अकेला है बाकी अभी सफर मेरा 

रास्ता रोका तो सच्चाई का बड़ा ताबूद बन जाऊंगा 


सारी दुनियां की नज़र में है मेरी सच्चाई का सबुत ए वफ़ा

एक तेरे कहने से कया मै बेवफा हों जाऊंगा 


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