नींद की खुमारी खलल पैदा करती करवट पलटते ही, नए सिरे से बातों की लड़ी फिर शुरू हो जाती कोफ्त ... नींद की खुमारी खलल पैदा करती करवट पलटते ही, नए सिरे से बातों की लड़ी फिर शु...
अपनी कहानी को। अपनी कहानी को।
इक शायर की यही कहानी इक शायर की यही कहानी
तुम्हें मेरा हंसता हुआ चेहरा तो दिखा मगर सिसकती हुयी रूह नहीं। तुम्हें मेरा हंसता हुआ चेहरा तो दिखा मगर सिसकती हुयी रूह नहीं।
कुछ मैं चुन कर ले आती हूं अपना आज सजाने को। कुछ मैं चुन कर ले आती हूं अपना आज सजाने को।
दूर हूँं मैं हर उम्मीद से अब कोई गम नहीं है, मैं खुद ही खुद के साथ हूँ ये भी तो कम नही दूर हूँं मैं हर उम्मीद से अब कोई गम नहीं है, मैं खुद ही खुद के साथ हूँ ये भी ...