वह किस वृक्ष का लेगी संबल किस पीपल से माँगेगी मनौती यह भी हो सकता है वह किस वृक्ष का लेगी संबल किस पीपल से माँगेगी मनौती यह भी हो सकता है
कुछ मैं चुन कर ले आती हूं अपना आज सजाने को। कुछ मैं चुन कर ले आती हूं अपना आज सजाने को।
अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। .... अपने ख्वाहिशो के आंचल में तुम्हारे नांरगी सपने को रुपहली सफेद सी। ....
हरसिंगार सुगंध तुम्हारी मन हर्षित कर जाती है। विभावरी पा साथ तुम्हारा, खुद पर कुछ इतराती है... हरसिंगार सुगंध तुम्हारी मन हर्षित कर जाती है। विभावरी पा साथ तुम्हारा, ...
तन की भूगोल से परे भीतरी शृंगार का नुक्ता है नारी की हर क्रिया। तन की भूगोल से परे भीतरी शृंगार का नुक्ता है नारी की हर क्रिया।
रात में झरने लगा है हरसिंगार यादें ताजी हो गई फिर एक बार! रात में झरने लगा है हरसिंगार यादें ताजी हो गई फिर एक बार!