Saifi Mohammed Nagory
Drama
मेरे लफ़्ज़ों की
कैसी तर्जुमानी
कर गया
अपनी कहानी को।
तर्जुमानी
जनाज़े के बाद सराहा, तो जान पाया, कि मुझमें कितनी खूबियाँ हैं ! जनाज़े के बाद सराहा, तो जान पाया, कि मुझमें कितनी खूबियाँ हैं !
जो देख लें तो मुर्दे भी जी उठे कसम से अपने तबस्सुम में इक संसार लिए चलते हैं। जो देख लें तो मुर्दे भी जी उठे कसम से अपने तबस्सुम में इक संसार लिए चलते हैं।
सब कुछ हो गया है गौण बस मुखरित है तेरे मेरे बीच ये मौन। सब कुछ हो गया है गौण बस मुखरित है तेरे मेरे बीच ये मौन।
प्यार भी हमसे है इकरार भी तुमको तो फिर डर कैसा, जो तुम नहीं आओगे तो प्यार हमारा रहेगा अधूरा... प्यार भी हमसे है इकरार भी तुमको तो फिर डर कैसा, जो तुम नहीं आओगे तो प्यार हमारा ...
तभी, मानवता की सच्ची कहानी होगी। तभी, मानवता की सच्ची कहानी होगी।
तवायफ़ ना बने कोई, ख्याल कब करेंगे समाज में। तवायफ़ ना बने कोई, ख्याल कब करेंगे समाज में।
हजारों साल के बाद अब जा के, भारतवासी हुये आत्म विभोर। हजारों साल के बाद अब जा के, भारतवासी हुये आत्म विभोर।
यमुना के तट पर खड़ा गर वो ताजमहल न होता। यमुना के तट पर खड़ा गर वो ताजमहल न होता।
वह कब जियी अपने लिए, उसे कोई और जी लेता है ! वह कब जियी अपने लिए, उसे कोई और जी लेता है !
लुभाने को कहता, श्रृंगार करो, सुन्दर लगती हो... लुभाने को कहता, श्रृंगार करो, सुन्दर लगती हो...
अगर हस्ताक्षर ना बदल दूँ तेरे लेख के .... हस्ताक्षर ना बदल दूँ तेरे लेख....। अगर हस्ताक्षर ना बदल दूँ तेरे लेख के .... हस्ताक्षर ना बदल दूँ तेरे लेख....।
धन, दौलत, शोहरत सब हो सिवा प्यार के, छोड़ ऐसी जिंदगी फक्कड़ हो जाना चाहता हूँ। धन, दौलत, शोहरत सब हो सिवा प्यार के, छोड़ ऐसी जिंदगी फक्कड़ हो जाना चाहता ह...
गिरे नजरों से वो मेरी, लगे मुझको वो सब बौने मुझे नीचा दिखाने को चढ़े वो जब मचानों में। गिरे नजरों से वो मेरी, लगे मुझको वो सब बौने मुझे नीचा दिखाने को चढ़े वो जब मचा...
ना करना अधर्म ऐ-यारो मत करना कु-कर्म…! ना करना अधर्म ऐ-यारो मत करना कु-कर्म…!
मुझे बदल ना पाओगे, मुझसा बन भी ना पाओगे। मुझे बदल ना पाओगे, मुझसा बन भी ना पाओगे।
मैं वो तेरा कर्ज न चुका पाया माँ, तेरे इस दुनिया से जाने के पहले ! मैं वो तेरा कर्ज न चुका पाया माँ, तेरे इस दुनिया से जाने के पहले !
है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये समाज को गढ़ना है ! है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये ...
हीर रांझा सी अपनी मोहबत को जाँ गीत गजलों में हम अब तो लिखने लगे। हीर रांझा सी अपनी मोहबत को जाँ गीत गजलों में हम अब तो लिखने लगे।
होरी बड़ी बरजोर है...। होरी बड़ी बरजोर है...।
उम्र के एक पड़ाव पर जीवन को हरा करती है स्मृतियाँ। उम्र के एक पड़ाव पर जीवन को हरा करती है स्मृतियाँ।