हार जाओ तो भागो नहीं
हार जाओ तो भागो नहीं
जिंदगी में हार भी जाओ, कोई बात नहीं
जिंदगी से भाग जाओ,अच्छी बात नहीं
जो भागता नहीं, समस्याओं से लड़ता है
वो जिंदगी के तूफानों में बनता है,गिरी
जो जिंदगी की लहरों में टिकता, नहीं
वो आंसू गहराइयों में खो जाता कहीं
जो लाख बार हारकर, उम्मीद न छोड़े
वो एक दिन नभ का परिंदा बनता सही
जो ज़रा सी हार से चिंतित हो जाता है
वो मनुष्य कभी, मंजिल को पाता नहीं
जिसके पास धैर्य है, वो शख्स अजय है
धैर्य से पत्थर के मोम टुकड़े हो जाते,कई
अधीरता से तो सरल काम भी होते नहीं
जिसके हौसलों में जान,वो हार को समझे,
कामयाबी की सीढ़ी का एक शूल सही
वो कीचड़ में बनता कमल, एकदम सही
जो हार बूंदों की हताशा टिकने देता नहीं
जो धैर्य से मंजिल पथ पर चलते है,राही
वो गिरकर भी एक दिन बनते झरना,नदी
जिंदगी में हार भी जाओ, कोई बात नहीं
जिंदगी से भाग जाओ, अच्छी बात नहीं
भागने से अच्छा,लड़ तू वीरता की कली
तेरे दिल में नही बुजदिली की कोई गली
तू लड़,खुद से तेरे भीतर है,जीत कमली।