इश्क का इस्तकबाल
इश्क का इस्तकबाल
सुकून की सांसे अब ले रहा हूं,
गमगीनी को मै दूर कर रहा हूं,
तेरा दिल से ईन्तज़ार कर के मै,
तेरे ईश्कमें दिवाना बन रहा हूं।
तेरे ईश्कका ईजहार कर रहा हूं,
दिल का मयखाना मै खोल रहा हूं,
मेरे मन की मायूसी दूर हटाकर मै,
ईश्क की ज़ाम को छलकां रहा हूं।
तेरे खयालोंमें गहेरा डूब रहा हूं,
मेरी तन्हाइयों को मै भूल रहा हूं,
तुझे ईश्क की मल्लिका मानकर मै,
तेरी ईश्क की अमीरात रचा रहा हूं।
सितारों की महेफ़िल सजा रहा हूं,
ईश्क की रोशनी मै जगमगा रहा हूं,
"मुरली" तेरा ईस्तकबाल कर के मै,
तुझे बांहों में समाने का सोच रहा हूं।

