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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Romance

गज़ल का स्वरांकन

गज़ल का स्वरांकन

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मेरे दिल के तरंगो को बाहर ला रहा हूं,

तरंगो को अपनी कलममें उतार रहा हूं,

दिल के शब्दों को कलम से सजाकर,

तेरी खूबसूरती का मै वर्णन कर रहा हूं।


तेरे निखरतें यौवनमें मग्न बन रहा हूं,

बिना पीये नशे का अनुभव कर रहा हूं,

नशीलें शब्दों को कलम से लिखकर,

तेरे ईश्क का पहेला शेर मै लिख रहा हूं,


तेरे होंठों के अल्फाज़ को सून रहा हूं,

अल्फाज़ोंसे गज़ल की रचना कर रहा हूं,

ईश्क के शेर को गज़ल में मिलाकर,

तेरी गज़ल का स्वरांकन मै कर रहा हूं।


तुझे गज़ल सूनाने को आतुर हो रहा हूं,

मेरे दिल की धड़कन को मिला रहा हूं,

इश्कके राग का आलाप कर के"मुरली",

तुझे गज़ल सूनाकर दिलमें समा रहा हूं।


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