चहुँ ओर बिखरा उजियारा पल्लवित हो रहा हर मन चहुँ ओर बिखरा उजियारा पल्लवित हो रहा हर मन
मेरी तो अब वो जुबाँ की बोली बन गयी ! मेरी तो अब वो जुबाँ की बोली बन गयी !
मेरे दिल की तरंग हो तुम....। मेरे दिल की तरंग हो तुम....।
रेत है पानी है फल है फूल है बिन तेरे मुझे कुछ नहीं कबूल है रेत है पानी है फल है फूल है बिन तेरे मुझे कुछ नहीं कबूल है
लागी उस निर्मोही के संग बदलते गए उनकी मोहब्बत के रंग बदलती हुई आदतों के संग। लागी उस निर्मोही के संग बदलते गए उनकी मोहब्बत के रंग बदलती हुई आदतों के संग।
आओ मिल गाते हैं स्वागत गान। आओ मिल गाते हैं स्वागत गान।