मेरी तो अब वो जुबाँ की बोली बन गयी ! मेरी तो अब वो जुबाँ की बोली बन गयी !
जीवन की नौका को पार कर ही लेंगे। जीवन की नौका को पार कर ही लेंगे।
हमे नचाता कोई हम नाचते यहाँ, उंगली मे बँधे कठपुतली की तरह ! इस जीवन का कोई भरोसा नही, कब हो जाएगा... हमे नचाता कोई हम नाचते यहाँ, उंगली मे बँधे कठपुतली की तरह ! इस जीवन का कोई भरो...
जो रुकता नहीं हमारे लिये, उसी का इंतजार कौन करे। जो रुकता नहीं हमारे लिये, उसी का इंतजार कौन करे।
मेरी बेटी बनेगी कल मेरे बुढापे की लाठी कम नहीं है बेटों से, बेटियों की कद-काठी। मेरी बेटी बनेगी कल मेरे बुढापे की लाठी कम नहीं है बेटों से, बेटियों की कद-काठ...
आस आश्वासन तुम्हीं हो, हम सहारे बस तुम्हारे। आस आश्वासन तुम्हीं हो, हम सहारे बस तुम्हारे।