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अच्युतं केशवं

Drama

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अच्युतं केशवं

Drama

अंजुरी आँचल पसारे

अंजुरी आँचल पसारे

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अंजुरी आँचल पसारे

प्रार्थना संझा-सकारे


हम सुखी हों देव मेरे,

हों सुखी हमसे हमारे 


मैं जलाऊँ दीप ठाकुर,

नित्यप्रति द्वारे तुम्हारे


लग सकेगी किस विधी से,

सिन्धु में नौका किनारे


आस आश्वासन तुम्हीं हो,

हम सहारे बस तुम्हारे।


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