जिंदगी का रंग
जिंदगी का रंग
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जिंदगी का ये कौन सा रंग है
सबकुछ है पर न तेरा संग है
अपने ही देश में बेगाना हूँ
ज्यों आसमाँ में तन्हा पतंग है
रेत है पानी है फल है फूल है
बिन तेरे मुझे कुछ नहीं कबूल है
तन्हाइयों में होती मन में जंग है
जिंदगी का ये कौन सा रंग है
दर है दीवार है मौसम है बहार है
तेरे बिना सूना सूना ये संसार है
दिल में उठती ही नहीं तरंग है
जिंदगी का ये कौन सा रंग है
पर्वत है परिंदे है वृक्षों की कतार है
तू नहीं तो मेरे लिए ये सब बेकार है
बिना तेरे जीने की न उमंग है
जिंदगी का ये कौन सा रंग है
