चले आओ वतन अपने
चले आओ वतन अपने
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
चले आओ वतन अपने
तुम्हें धरती बुलाती है
कैसे रहते हो वहाँ
चिंता सताती है यहाँ
छोड़ कर अपनी जमीं
तुम दूर बैठे हो वहाँ
दोस्तों को भी तेरी
दूरी सताती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
खिल रही है हर कली
तेरी गुजर के रास्ते
लौट आया है बसंत
तेरी खुशी के वास्ते
ये हवाएं भी
विरह का गीत गाती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
वो तुम्हारा रूठना
हमको मनाना याद है
साथ तेरे जो बिताया
वो जमाना याद है
माँ मुझे बीती हुई
बातें सुनाती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
दोस्त कैसे हैं तुम्हारे
यार ये लिखना मुझे
ख़्वाब में ही दो घड़ी
भर के लिए दिखना मुझे
नज़्म मेरा हाले दिल
तुझको बताती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
माँ से बढ़ कर माँ है जो
कहलाती भारत माता है
कर्ज़ तुझ पर दूध का
पर फ़र्ज़ पहले आता है
गा के तुझको लोरी
माँ दोनों सुलाती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है।
