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Dr Priyank Prakhar

Romance Tragedy

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Dr Priyank Prakhar

Romance Tragedy

दोधारी इश्क

दोधारी इश्क

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बहुत गहरे हैं वार उनके इस दिल पर,

पैबस्त है वो यार कुछ इस कदर,

गर निकाला तो जान लेकर जाएंगे,

अगर रख छोड़ा तो दिल को न बचा पाएंगे।


खुमारी जाम ए इश्क की भी है कुछ अजीब पर,

तासीर है इसकी कुछ इस कदर,

गर पी लिया तो नशा बन कर छाएंगे,

अगर रख छोड़ा तो खुद को न बचा पाएंगे।


कहता है गालिब, कहता है हर शायर,

मुश्किलें इश्क की ना होने देतीं कायर,

गर बच गए जलने से तो डूब ही जाएंगे,

अगर निकले तर के तो जलने से खुद को ना बचा पाएंगे।


इख्तियार नहीं है किसी का इश्क पर,

दास्तान ए इश्क में कशमकश है कुछ इस कदर,

गर हुए नाकाम तो लैला मजनूं बन जाएंगे,

अगर मिली कामयाबी तो फिर ना किसी को याद आएंगे।


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