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Dr Priyank Prakhar

Comedy Fantasy Children

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Dr Priyank Prakhar

Comedy Fantasy Children

गर मैं मम्मी की मम्मी होती

गर मैं मम्मी की मम्मी होती

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हे ईश्वर, काश मैं मम्मी की मम्मी होती,

सैर सपाटा धूम धड़ाका ना पढ़ाई होती,

मैं हंसती टीवी देख मम्मी पढ़-पढ़ रोती,

मम्मी पढ़ती दिन भर मैं मस्ती में सोती।


लिपस्टिक पाॅलिश मेकअप मैं लगाती,

पहन सैंडल हील मैं तो आफिस जाती,

पिज्जा पास्ता जंक फूड ब्रेक में खाती,

मम्मी करती क्लास, मैं पार्टी में जाती।


रोटी दाल नहीं मेरी थाली में मैगी होती,

ना एग्जाम-पढ़ाई, बस मस्ती ही होती,

मम्मी सुनती बात मेरी मैं तो बॉस होती,

हे ईश्वर, अगर मैं मम्मी की मम्मी होती।


साहित्याला गुण द्या
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