इस विद्यार्थी जीवन ने हमें धीरे धीरे सब कुछ सीखा दिया। इस विद्यार्थी जीवन ने हमें धीरे धीरे सब कुछ सीखा दिया।
बचपन पर जो छाले पड़े उन किताबों को धूप में छोड़ देना। बचपन पर जो छाले पड़े उन किताबों को धूप में छोड़ देना।
आखिर क्यों देनी पड़ती है औरत को ही अग्नि परीक्षा। आखिर क्यों देनी पड़ती है औरत को ही अग्नि परीक्षा।
कठपुतलियां औरों को भी बनने से बचा सकूँ। कठपुतलियां औरों को भी बनने से बचा सकूँ।
मुझे तो बनना है बच्चों का संबल बार बार यही दिल को समझाती हूँ ! मुझे तो बनना है बच्चों का संबल बार बार यही दिल को समझाती हूँ !
तुझसे ही तो प्रेरणा पाता है समाज, ज़िंदा है ज़िन्दगी, हे मज़दूर महान। तुझसे ही तो प्रेरणा पाता है समाज, ज़िंदा है ज़िन्दगी, हे मज़दूर महान।