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Sonam Kewat

Children Drama

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Sonam Kewat

Children Drama

विद्यार्थी जीवन

विद्यार्थी जीवन

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एक एक कदम ही सही आगे बढ़ना बता दिया,

इस विद्यार्थी जीवन ने मुझे सब कुछ सिखा दिया।


शुरुआत हुई तो माँ से लिपटकर मैं खूब रोता था,

समय होता स्कूल का तो बिस्तर में छिपकर सोता था।


पढ़ने के नाम से ही तब डर का एहसास होता,

हर एक छुट्टी का दिन मेरे लिए खूब खास होता।


उम्र थी जब खेल खेल में हाथों में कलम पकड़ा दिया,

इस विद्यार्थी जीवन ने मुझे सब कुछ सिखा दिया।


दोस्त भी बने धीरे धीरे होती खूब मस्तियां थी,

टिफिन खुलता एक तो खाने के लिए कई हस्तियां थी।


होमवर्क ना होता तो हम भी क्या खूब बहाने करते थे,

वो गणित वाले सर की मार से हम बहुत डरते थे।


चित्करला में अक्सर बनाते घर, पहाड़ और नदियाँ,

सब विषयों को पढ़कर जिंदगी को विषय बना दिया।

इस विद्यार्थी जीवन ने मुझे सब कुछ सिखा दिया।


कॉलेज में जाकर बडे़ बडे़ सपने बनने लगे थे,

छोटे बड़े का पता नहीं सब अपने रौब में अड़े थे।


पढ़ना तो कम सब हमेशा मूवी की टिकटे लाते थे,

और मूड बना तो बस बंक करके बाहर जाते थे।


भूले नहीं भुलाया जाता उनकी दोस्ती और यारियाँ,

इस विद्यार्थी जीवन ने मुझे सब कुछ सिखा दिया।


पल ही सुनहरे है जब याद करो तो मुस्कुराहट आती है,

कुछ पल के लिए दिल में खुशियाँ छा जाती है।


ये जीवन सिखाने वाली शिक्षा का मेल जोल है,

मत पूछो कि ये विद्यार्थी जीवन कितना अनमोल है।


शिक्षा की राहों में चलते चलते खुद को शिक्षक बना लिया,

इस विद्यार्थी जीवन ने हमें धीरे धीरे सब कुछ सीखा दिया।


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