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Madhu Vashishta

Comedy Inspirational

4.7  

Madhu Vashishta

Comedy Inspirational

दुखी जीवन।

दुखी जीवन।

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360


पापा तो दुनिया से चले गए, बेटा है गमगीन

मां उसे समझा रही बेटा सब परमात्मा के है आधीन।

अब तुझे ही सब संभालना है ना बन तू दीन हीन।

सब कुछ सुन कर दुखी मन से बेटा बोला।

मां दुख की बात तो यह है कि रह गए अब हम तीन।

जब तक तीन नंबर है मेरी जिंदगी में मैं कुछ ना कर पाऊंगा।

पहले हम चार थे, सब सुख थे

अब रह जाए तीन बिगड़ गए हमारे सारे दीन।

दुखी मन से मां ने बेटे को समझाया।

बेटा धीरज रख सब ठीक होगा।

कर दूंगी मैं जल्दी ही विवाह तेरा।

तो घर में फिर तीन से चार का नंबर होगा।

अब तो खुशी हो जा बेटा काम पर लग जा।

हम सबका तू अब सहारा बन जा।

बेटा उठा और फिर बोला मां कुछ हो सकता नहीं,

तू अगर बहू भी ले आएगी तो क्या हम बहन का भी विवाह करेंगे नहीं?

अरे मेरे बेटा, परेशा

न ना हो सब ठीक हो जाएगा।

बहन के विदा होने तक हो सकता है कि तेरा ही बेटा हो जाएगा।

हो जाएंगे हम चार तो कर ले तू विश्वास

ना हो मेरे बेटे तू उदास।

परमात्मा पर रख पूरी आस।

मां तेरी बात तो ठीक है इस तरह से हमारी संख्या चार तो हो जाएगी।

पर मां कुछ नहीं हो सकता हमारा क्योंकि एक दिन तू भी तो मर जाएगी।

सत्यानाश हो तेरा कहकर मां ने डंडा फिर उठा लिया।

तेरे बाप की आत्मा भी मेरे अंदर ही है कह कर उसे अच्छे से समझा दिया।

अब तीन हो या चार तू तो नहीं बैठेगा बेकार।

चुप करके जाकर दुकान संभाल वरना उतार दूंगी मैं तेरा दुख का बुखार।

बेटा कुछ सोच में तो पड़ गया फिर बोला मां मुझे पूरा है विश्वास की पिता की आत्मा है तेरे साथ।

जा रहा हूं दुकान पर मैं पता पड़ गया कि हम तीन नहीं बल्कि हैं पूरे चार।



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