Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ramashankar Yadav

Tragedy

4.5  

Ramashankar Yadav

Tragedy

हरजाई-२

हरजाई-२

1 min
90


कोई ना पूछे हमसे ईस रत-जगे का राज, 

"कि ले गया हरजाई मेरी नींद रकीब की बाहों में चैन से सोने को!

छोड़ दी ये काली स्याह रात हमारे हिस्से में रात भर याद कर रोने को!


एकदम खाली, विरान-सी हो गई जिंदगी मेरी बिन अहसास इस तन्हाई में 

पर बेकौफ भी हो गया हुँ, क्युँ डरुँ मैं भला कुछ रहा ही नहीं खोने को!


अपनी किस्मत भी शायद कभी अपनी थी ही नहीं सदा ही हारता आया

किसे दें दोष अपनी बर्बादी का, जब नसीब में ही था जीवन भर रोने को!


कभी वो दिन भी थे जब हर बात हमारी तुम्हें बड़ी ही प्यारी लगती थी

अब तो मीठे बोल भी चुभते हैं युँ मानों आवाज ही काफी है विष बोने को!


एक मुहब्बत ही तो थी मेरी सारी दौलत जिस पर गुरुर था बेइंतेहा हमें 

आगोशे रकीब कुछ युँ खोए तुम, कि कुछ रहा ही नहीं मेरे पास खोने को!


इतना तुम्हें प्यार किया दर्द इस बात ने दिया ही नहीं, वो तो करते रहेंगे

रुलाया रकीब से करीबी ने, पर मेरे तुम थे ही नहीं जाने क्या था रोने को!


पर अब ना कोई उम्मीद ना ख्वाहिश रही तुमसे, दिल खाक हो गया जलके

तुम पराए हो गए तो क्या हम तो तुम्हारे हैं यादें काफी हैंं पलकें भिगोने को!


Rate this content
Log in