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Ramashankar Yadav

Romance Classics Fantasy

4  

Ramashankar Yadav

Romance Classics Fantasy

तीरे नजर

तीरे नजर

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इन निगाहों के घायल बहुत हैं यहां
यूँ ना तीरे नजर तुम चलाया करो
कब तक ख़यालों से बहलाएं दिल
कभी बांहों में इठला के आया करो
तेरे जलवों के मारे बहुत हैं यहां
कभी हमपे भी बिजली गिराया करो
तेरी जुल्फोँ की सुनती है काली घटा
कभी मेरा शहर भी भिगाया करो
तेरे लब की सुर्खी है छाई गुलों पे
कभी गुलशन मेरा भी सजाया करो
नींदे शहर की उड़ाई है तुमने
कभी हमसे भी तारे गिनाया करो
कब तक ख़यालों से बहलाएं दिल
कभी बांहों में इठला के आया करो
कहते हैं चांदी सा है तेरा बदन
कभी हमपे भी जलवे नुमाया करो
कौन कहता हैं तुफान मुझमें नहीं
कभी तन्हा हमें आजमाया करो
मौज जन्नत की तुमको कराऊंगा मैं
हमें कसके गले से लगाया करो 


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