हे कृष्ण
हे कृष्ण
रोज सबेरा होते ही चिराग जला देते हो
सारा ही अँधेरा एक पल में मिटा देते हो !
कितना प्यार करते हो एक आरजू के बदले
मर भी जाउँ हारके तुम फिर से उठा देते हो !
कोसुँ तुमको हमेशा हर मुश्किलों के बदले
पर प्रेम से तुम मेरी हिम्मत को बढ़ा देते हो !
ऐ मेरे मुरली मनोहर दयालू बहुत हो तुम
जो नाम जप ले तुम्हारा रोते को हँसा देते !
कुछ प्रेम युँ सिखा दो दुनिया को भुल जाउँ
कहे "राम" हर विवश को चरणों में जगह देते हो !