मेरी मुहब्बत
मेरी मुहब्बत
मेरी मुहब्बत के असर से तुम हंसी हो गई हो
मैं भटका था मुसाफिर मुझमें तुम खो गई हो
तेरी महकी महकी गेसू तेरी आंखों में काजल
शबनमी तेरे लब हैं छाऊँ इन पे बन के बादल
हुस्न तेरा सब है मेरा तुम मेरी हो गई हो
मेरी मुहब्बत के असर से तुम हंसी हो गई हो
तेरा यौवन तेरी खुशबु इन पे हक है सिर्फ मेरा
तू मेरी है तन से मन से हो गया हूँ मैं भी तेरा
मैं सजीला मस्तमौला मुझमें तुम रंग गई हो
मेरी मुहब्बत के असर से तुम हंसी हो गई हो
मैं भटका था मुसाफिर मुझमें तुम खो गई हो।

