STORYMIRROR

Ramashankar Yadav

Abstract

4  

Ramashankar Yadav

Abstract

हाँ मैं हिंदू हूं

हाँ मैं हिंदू हूं

1 min
339

हां मैं हिंदू हूं, मुझे ईस बात का अभिमान है!

रहूं अडिग हर हाल में कहता मेरा भगवान है!

शाश्वत हूं दयावान हूं!

कर्मों से ही महान हूं!

चर्चा की नहीं चाह है

खुद ही में मैं बखान हूं!

पदचाप मेरे सुन रहा सारा ही ये जहान है!

हां मैं हिंदू हूं, मुझे ईस बात का अभिमान है!

साये में मेरे हो पले

काहेका तुमको है गुमां

ना भुल अपने बाप को

मैं ही हूं तेरा रेहनुमां

ना भुलना ईस बात को कब की तेरी पहचान है!

हां मैं हिंदू हूं, मुझे ईस बात का अभिमान है!

ब्रह्मांड की शुरुवात हूं

मैं ही निशा प्रभात हूं

मुझसा नहीं प्रचंड कुछ

प्रचंड की औकात हूं

आलिंगन है विषप्रपात को जो करे सम्मान है!

हां मैं हिंदू हूं, मुझे ईस बात का अभिमान है!

कलम में मेरी स्याह है 

जहां पग धरुँ मैं राह है

जो पनप लिए तो युँ समझ

ईसमें भी मेरी चाह है

प्रेम से मिलो मैं रज हूं पर जिद तो आसमान है!

हां मैं हिंदू हूं, मुझे ईस बात का अभिमान है!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract