शहीदों की बातें
शहीदों की बातें
हम भी कैसे लोग है,जख्म होने पर भी जश्न मनाते हैं
14 फ़रवरी को वेलेंटाइन डे को हंस हंसकर मनाते हैं।
जबकि इसी दिन तो शहीदों के घरवाले मातम मनाते हैं
पुलवामा के शहीदों को याद कर गंगा जमुना बहाते हैं।
क्या ये सिला दिया है हम सबने उनकी वफ़ादारी का,
ये संकीर्ण जज़्बात ही भारत माँ क़ा आँचल भीगो जाते हैं।
अब तो मेरे देश के नोजवानों कुछ तो तुम शर्म कर लो,
तुम्हारी हरकतें देखकर वो शहीद भी क्या सोच जाते हैं।
हमनें भी क्या ख़ाक अपनी जिंदगी यूं ही बर्बाद कर दी,
इन बेक़दरो के लिये कोहिनूर सी जिंदगी ख़त्म कर दी
हम भी क्या इनकी हिफ़ाज़त के लिये यूँ ही शहीद हो जाते हैं।