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बार-बार निर्भया कांड क्यों

बार-बार निर्भया कांड क्यों

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इस कलयुग की दुनिया में कोई नहीं आएंगे बचाने को,

दुनिया के खुले दरबार में हो रहे बलात्कार रुकवाने को,


लाखों खड़े है हैवान चीरहरण करने को,

ये हैवान लूट लेते हैं आत्मा और शरीर को,


ना लिखो तुम किसी की मजबूरी को,

हिम्मत है तो लिखो हमारी बहादुरी को,


मैं सबके सामने हालत बयां कर रही हूं,

मैं अब जीते जी धीरे-धीरे मर रही हूं,


कोई अजूबा नहीं होगा, कोई चमत्कार नहीं होगा,

कौन रोकेगा तूफान को तुम्हारे घर तक आने से,

गवाह बन जाओगे खुद एक बार लाचर तो होने दो,


आज और अभी सरकार बस एक नियम लागू करा दे,

उन सभी बलात्कारियों को फांसी पर लटका दे।


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