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रंग बिरंगी होली

रंग बिरंगी होली

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हर इंसान अपने रंग में रंगा है,

तो समझ लो फागुन की होली है।

हर रंग कुछ कहता ही है,

हर रंग मे हंसी ठिठोली है।


जीवन रंग को महकाती आनंद उल्लास से,

जीवन महक उठता है एक-दूसरे के विश्वास से।

प्रकृति की हरियाली मधुमास की राग है,

नव कोपलों से लगता कोई लिया वैराग है।


हर गले शिकवे को भूला दो,

फैलाओं प्रेम रूपी झोली है।

हर इंसान अपने रंग में रंगा है,

तो समझ लो फागुन की होली है।


आग से राग तक राग से वैराग्य तक,

चलता रहे यूँ ही परम्परा ये फ़ाग तक।

होलिका दहन की आस्था,

 युगों-युगों से चली आ रही है।


आग मे चलना राग मे गाना,

 प्रेम की गंगा जो बही है।

परम्परा य

े अनूठी होती है,

कितनी हंसी ठिठोली है।


हर इंसान अपने रंग में रंगा है,

तो समझ लो फागुन की होली है।

सपनों के रंग मे रंगा ये संसार सारा,

सतरंगी लगता इंद्रधनुष सबको है प्यारा।


बैगनी रंग शान महत्व और

 राजसी प्रभाव का प्रतीक।

जामुनी रंग दृढ़ता नीला विस्तार

 और गहराई का स्वरूप।


हरा रंग प्रकृति शीतलता,

स्फूर्ति और शुध्दता लाये।

पीला रंग प्रसन्नता आनंद से घर द्वार महकाये।

रंग नारंगी आध्यात्मिक सहन शक्ति सिखाये।


लाल रंग उत्साह साहस,

जीवन के खतरे से बचाये।

रंग सात ये जीवन मे रंग ही रंग घोली है।

हर इंसान अपने रंग में रंगा है,

तो समझ लो फागुन की होली है।


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