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Arti Qanungo

Tragedy

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Arti Qanungo

Tragedy

चाय में घुला बचपन

चाय में घुला बचपन

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गरमागरम चाय की पहली चुस्की

होठों पर लगाते ही एक एहसास हुआ

 

घोल दिया उसमें एक मासूम का बचपन

कोमल हाथों ने सीखा चाय बनाने का फन


खोलती चाय को छानते उसके हाथ

चेहरे को झुलसाती उसकी भाप


सोचता तो होगा कि घोल दूं

अपने जीवन के गम इस चाय में


तभी चिल्लाने की आवाज आई-

छोटू जल्दी से चाय ला।


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