लोकलाज
लोकलाज
एक बेटी
प्यार में पड़ कर
सारी मर्यादाएं
भूल जाती है
उससे गल्ती
हो जाती है
पर इस गल्ती
की जिम्मेदारी
उसके अकेले की
नही होती
फिर भी
सजा उसे
अकेले को मिलती है
लोकलाज का डर
इतना बड़ा होता है
की रिश्तो के
प्रति फर्ज
और रिश्तो का प्यार
सब कुछ धरा का धरा
रह जाता है
और इस डर
में लड़की को
ऐसी सजा दे दी
जाती है
जो उसे अपनी
जान देकर
चुकानी पड़ती है
क्या लोकलाज
हमें अपने बच्चो से
भी ज्यादा प्यारी है।