विचारो के मोती एक सूत्र में पिरोकर ख़ूबसूरत बनाने के कोशिश करती हुई एक मुक्त लेखिका।
ना तुमने अपने विषयों को मन से जिया ना ही तुम अपनी रंगो की दुनिया को छोड़ पायी। ना तुमने अपने विषयों को मन से जिया ना ही तुम अपनी रंगो की दुनिया को छोड़ पायी।
पीछे कुछ बचा तो बस उसका स्वाद और इच्छा, उस रस को , उस स्वाद को दोबारा चख पाने की। पीछे कुछ बचा तो बस उसका स्वाद और इच्छा, उस रस को , उस स्वाद को दोबारा चख पाने की...
कितने ही जीवों को विकास व वृद्धि के समय में ही समाप्त कर दिया जाता है। कितने ही जीवों को विकास व वृद्धि के समय में ही समाप्त कर दिया जाता है।
और ऊंचा उड़ेगी तोड़ लेगी तारों को क्योंकि उड़ान अभी बाकी है........ और ऊंचा उड़ेगी तोड़ लेगी तारों को क्योंकि उड़ान अभी बाकी है........
आवाज़ सुनकर बाहर से ही सास ने चिल्लाना शुरू कर दिया आवाज़ सुनकर बाहर से ही सास ने चिल्लाना शुरू कर दिया