STORYMIRROR

Tarundeep singh Manchanda

Tragedy Inspirational

4.0  

Tarundeep singh Manchanda

Tragedy Inspirational

लड़की का जन्म: खूबसूरत सौगात

लड़की का जन्म: खूबसूरत सौगात

3 mins
374


जब बच्ची का जन्म एक औरत की कोख से

सुनिश्चित होता है

वह भगवान का खूबसूरत आशीर्वाद होता है

जो एक औरत को माँ बनने का अवसर देता है

जिससे एक माँ की खुशी का कोई

ठिकाना नहीं होता है


पर वह अपनी खुशी दिल में छुपाए रखती है

क्योंकि गर बांटेगी सब के साथ अपनी

ख़ुशियों का एहसास

तो छीन लिया जाएगा हर उसका पनप रहा

नया एहसास

और कर दिया जाएगा उस माँ को भी बेऔलाद


जो कर रही थी 9 महीने से उस बच्ची के आने

का इंतज़ार

पर सामाजिक मान्यताओं ने कर दिया उसके

इंतजार को इनकार

की तमाम कोशिशें जो कर सकें इन

रिवायतों को समाज से बाहर

बावजूद लाख कोशिशों के माना जाता है

अभी भी बनी पुरानी रिवायतों को


जो समझती थी बुरा बच्ची के जन्म लेने को

और मार देती थी कोख में पल रही मासूम

बच्ची को

जो चीखती रही, चिल्लाती रही कि

मैं जीना चाहती हूं

मैं भी उस खुले आसमान में सांस लेना चाहती हूं

ख्वाबों की डोर को बुनते हुए देखना चाहती हूं

ना मारो मुझे मैं भी एक पंछी की तरह

अपनी उड़ान भरना चाहती हूं

और उस प्यारी माँ को गले लगाना चाहती हूं

जिसने रखकर मुझे कोख में 9 महीने तक

सहा रास्ते में आने वाली हर मुश्किल का दर्द


पर क्यों कर रही हो आज तुम मुझे अपने से दूर

नहीं पूछूंगी कि क्या है मेरा कसूर

क्योंकि माँ हो तुम तो होगी कोई बड़ी वजह ज़रूर

जो उठा रही हो यह कदम मुझे मिटाने का

और भेज रही हो मुझे उस ऊपर वाले के

आंगन के फूल बनने

क्या समाज है यह जो देता है साथ उन

घटिया रिवायतों का

कुछ तो खौफ रखो उस ऊपर वाले का

जो देता है सौगात एक औरत को माँ बनने का


लड़की का जन्म घर में मनहूसियत नहीं लाता

बल्कि उसको तो लक्ष्मी का रूप है समझा जाता

जो लेकर जन्म अपनी किलकारियों से घर में

ख़ुशियाँ बिखेरती है

जलाकर दीपक रोशनी से घर आंगन में

अंधेरे को खत्म करती है

ऐसी होती है बेटी जो घर में सिर्फ उजाला करती है


बात सोचने वाली यह है कि अगर लड़की ना

होगी तो एक लड़का भी किसकी कोख से

जन्म ले पाएगा

शादी के पवित्र बंधन की डोर को

बिना लड़की के कैसे पूरा किया जाएगा

और कैसे एक नई पीढ़ी को आगे बढ़ाया जाएगा

यह सब एक अच्छी व सच्ची सोच से ही सोचा जाएगा

जो करके खत्म इन रिवायतों को समाज को

आगे बढ़ाएगा


अरे ओ समाज वालों मत मारो इस देवी के रूप को

न करो सूनी उस तड़पती मां की कोख को

और कर लो प्रायश्चित जो कर चुके तुम भूल हो

करके खत्म चल रही पुरानी रिवायतों को

और लगा लो गले भेजी उस ख़ुदा की खूबसूरत

कायनात को

जिससे उस नन्ही जान को भी हर खुशी नसीब हो

समाज का हर सामान्य अधिकार से वो वंचित न हो


लड़की के जन्म को एक गाली नहीं बल्कि

ख़ुदा का भेजा फरिश्ता समझा जाए

जो लड़की के जीवन में तमाम ख़ुशियाँ भर जाए

करके अंत उन दकियानूसी रिवायतों का

दो फिर एक मौका बेटी को इस समाज में

जन्म लेने का

बांटकर हर वो अधिकार जो आज तक

सिर्फ एक लड़के के हिस्से का था


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy