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ख़ुदा से प्यारा रिश्ता

ख़ुदा से प्यारा रिश्ता

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है उस कुदरत की सूरत जिसकी

अनोखी तस्वीर दिल में बना रखी है।

देख कर जिसे मन में एक उम्मीद

पनपती है

कि है कोई हमारी अर्ज़ को सुनने

वाला

जो करेगा जीवन में ख़ुशियों से

उजाला

मुश्किलें हो जो रास्ते में तो तुम्हें

मज़बूत है बनाता


फिर देकर दिशा उस रास्ते पर

चलने के लिए प्रेरित है करता,

ग़र तू गिरे भी तो तेरे रास्ते का

सहारा है बनता,

चोट लगे तो उस पर मरहम

भी है लगाता,


देकर फिर दुखों को धूप उसमें

शक्ति है भरता

बढ़ाकर छाया सुखों की उसमें

नई उमंग है भरता,

ना जाने उसे कैसे पता चल जाता है

कि कब कौन उसे याद कर रहा है

किसके जीवन में क्या कष्ट है

जो वो सब समझ रहा है

और वो मदद के लिए किसी अपने

जैसे को भेजता है


हो मुश्किलें बड़ी तो उनका समाधान

देने खुद किसी इन्सानी अवतार में

आता है

खुशनसीब हूं मैं ज

ो करने उजाला मेरे

जीवन में किसी खास को भेजा है 

जिसने बढ़ाकर हाथ मुझे मेरे दबे हुए

राज़ों से मुक्त किया है

ऐसे ही वो ख़ुदा हर किसी के जीवन

की डोर को पक्का बनाता है


छाये हुए काले बादलों का फिर

खात्मा करता है

कि जीवन में ख़ुशियों की लहर

ला सके,

जो चल रही है ज़िन्दगी एक अलग

रास्ते पर,

उस एक नई दिशा की ओर

अग्रसर कर सके,


वो सर्व व्यापी है जो उसने हर पहलू को

उसने देख रखा है

 तभी वो किसी को हारने नहीं देता है

और हमेशा अपने साथ का हाथ सब के

ऊपर रखता है

तभी जाकर हम सब चैन की नींद चैन

की नींद सो पाता है,


जब यह अपनी छत्र छाया से हम सबके

जीवन में उजाला करता है

यह खूबसूरत रचना है उस ख़ुदा की,

 जो उसे सब पता है कि कब किसके

जीवन में ख़ुशियाँ बिखेरनी है,

और मुर्झा गई ज़िन्दगी को फिर से

खिलखिलाना है


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