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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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पुष्प की ओर

पुष्प की ओर

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सुगंध की डोर से बंधी

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर


रंग बिरंगे पंख लिए

मोहित करने विश्व को

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर


फूलो का रस चुराकर

अपने पँखो मे रंग भरने

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर


वायु सुगंधित करने नभ की

मन मे नई उमंग भरने

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर


सुगंध पुष्प की

विश्व में फैलाने

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर


सुगंध की डोर से बंधी

उड़कर आई तितली

पुष्प की ओर।


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