कली से जो फूल बन जाए, रात में मुरझाकर, सुबह फिर से खिल जाए, हमें बहुत कुछ सिखा जाए, कली से जो फूल बन जाए, रात में मुरझाकर, सुबह फिर से खिल जाए, हमें बहुत कुछ सिख...
लक्ष्मी जी का दुलारा, फिर भी कितना निर्मल इतना कोमल कितना प्यारा। लक्ष्मी जी का दुलारा, फिर भी कितना निर्मल इतना कोमल कितना प्यारा।
उर्वरा काली मिट्टी, प्यार की वर्षा और स्वतंत्रता की उन्मुक्त हवा। उर्वरा काली मिट्टी, प्यार की वर्षा और स्वतंत्रता की उन्मुक्त हवा।
विभिन्य रंगों से यह दुनियाँ सजी है , सब एक होकर भी लगते अलग -अलग हैं !! विभिन्य रंगों से यह दुनियाँ सजी है , सब एक होकर भी लगते अलग -अलग हैं !!
आता हूँ रोज पास तुम्हारे मिलन की आस में। आता हूँ रोज पास तुम्हारे मिलन की आस में।
ओ 'परमब्रह्म' ! अब हो जाने दे तू मेरा अपना मंथन। ओ 'परमब्रह्म' ! अब हो जाने दे तू मेरा अपना मंथन।