विभिन्य रंगों से यह दुनियाँ सजी है , सब एक होकर भी लगते अलग -अलग हैं !! विभिन्य रंगों से यह दुनियाँ सजी है , सब एक होकर भी लगते अलग -अलग हैं !!
बीमारियां भी हो जाएंगी दूर, और देश बनेगा खेल राष्ट्र। बीमारियां भी हो जाएंगी दूर, और देश बनेगा खेल राष्ट्र।
मचा हाहाकार स्वर्ग लोक में असुरों से भयभीत हुए देवता। मचा हाहाकार स्वर्ग लोक में असुरों से भयभीत हुए देवता।
सूनी आंखों में दीप मिलन का जलाती थीं पति हित के लिए पीड़ा अदम्य उठाती थीं सूनी आंखों में दीप मिलन का जलाती थीं पति हित के लिए पीड़ा अदम्य उठाती थीं
मेरे शब्दों में रहे कोई अपना आशियाना समझकर मेरे शब्दों में रहे कोई अपना आशियाना समझकर