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Niru Singh

Inspirational

4  

Niru Singh

Inspirational

नारी ने इतिहास रचा

नारी ने इतिहास रचा

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हो द्वापर, त्रेता या कलयुग  

नारी ने ही रचा इतिहास है 

कैकयी ने दिलवाया वनवास राम को,

सूपर्णखा ने जताया स्नेह लक्ष्मण से 

तो हुआ हरण सीता का । 

तभी तो सत्य की असत्य पर विजय हुई

नारी ने इतिहास रचा !


कुंती ने दबाया कर्ण का राज था, 

गांधारी ने बाँध पट्टी दिया पति का साथ, 

अपमानित जो हुई द्रोपदी ,

दिया श्राप कुलनाश का 

हुआ महायुद्ध महाभारत का। 

न बचा वंश का नाम कहीं।

नारी ने इतिहास रचा !


मचा हाहाकार स्वर्ग लोक में 

असुरों से भयभीत हुए देवता ,

ले विनती पहुँचे दुर्गा द्वार, 

काली, चंडी,भवानी बन 

एक -एक का लहू पिया 

शुद्ध स्वर्ग लोक किया। 

नारी ने इतिहास रचा !


सिंधल नरेश की पुत्री थी 

वह प्रियशी पति की थी 

मोहित हो सुंदरता पर

किया आक्रमणअलाउद्दीन ने , 

रखा सम्मान को सँभालकर 

बलिदान की मूरत थी पद्मावती 

लिया निर्णय जौहर का  

राख अलाउद्दीन के हाथ लगी,

नारी ने इतिहास रचा। 


युद्ध में निपुण , पिता की दुलारी, 

पति की वो प्यारी थी 

हुआ निधन ज़ब पति का 

उतार आभूषण , कर शस्त्र धारण 

खदेड़ा अंग्रेजी सरकार को 

बचाया मान स्वदेश का

जगाई अलख आजादी की ।

कोई और नहीं वो रानी लक्ष्मी बाई थी। 

सच! नारी ने इतिहास रचा ।


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