STORYMIRROR

Niru Singh

Romance

4  

Niru Singh

Romance

बदल गए हो

बदल गए हो

1 min
185


बदल गए हो तुम!

अब वो प्यार नहीं दिखता,

प्यार कम हुआ हैं!

या मेरी चाहत बढ़ गई है।

बदल गए हो तुम.....!


आँखों में वो परवाह नहीं दिखता,

परवाह कम हुआ हैं!

या आश्रित हो गईं हूँ तुम पे।

बदल गए हो तुम.....!

अब वो अपनापन क्यों नहीं लगता,

अपनत्व कम हुआ हैं !


या बाट नहीं सकती किसी भी रिश्ते से तुम्हें,

बदल गए हो तुम......!

सुना करतें थे घंटो मुझे

ऊब गए हो हमसे!

या शब्द हो गये हैं पुराने मेरे,

बदल गए हो तुम.....!


यूँ न करो अनसुनी मेरी बातों को,

कही हमेशा के लिए खामोश न हो जाएँ हम

जीवन के सफर में हमसफर ना सही,

हमकदम बन तो चलो संग।

बदल गए हो तुम !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance