आई दीवाली
आई दीवाली
आई दीवाली खुशियाँ लाई
चलो दीप जलाए अंधकार मिटाएँ।
कर बुराई का नाश लौटे अयौध्या राम
खुशियाँ छाई, घर घर दीप जले,
तिमीर मिटे अमावस्या पूर्णिमा लगे।
चलो इस बार दीया कुछ अलग जलाएँ।
एक दीया हो आस का विश्वास का
जो गिरे को उठाएँ ।
एक दीया हो प्यार का स्नेह का,
जो दूरिया मिटाएँ ।
एक दिया हो अपनत्व का,
जो अपनों को पास लाएअकेलापन मिटाएँ।
एक दिया हो श्रद्धा का,
जो अपनी संस्कृति से बाँधे ।
एक दीया हो सरहाना का,
जो आगे बढ़ने का हौसला जगाएँ।
एक दीया हो ज्ञान का,
जो अंधकार मिटाए भ्रम का।
अपनों का हाथ थामे निकले अंधकार से
एक दीया हम दिल में भी जलाएँ
अहम के रावण को मिटाएँ।
दीवाली की शुभकामनाएँ।