बड़ा भाई
बड़ा भाई
हो जिस घर में बड़ा भाई
होता सर पर साया दो पिता का!
ना आती फिर आँच छोटो पर,
बन जाता वह जल्द ही सहारा पिता का!
बिन कहे ही समझ जाता जिम्मेदारी अपनी।
कभी न रखता सामने ख्वाहिशे अपनी,
मार अपनी इच्छाओं को जीता है,
वो सबकी इच्छाओं के लिए।
है खुश नसीब हम भी,
है सर पर साया दो पिता का!
एक ने जन्म दिया तो
दूसरे ने सँवारी ज़िंदगी हमारी।
देखा है बचपन से तुन्हे
चुप हो सुनते सभी की!
ये तो बता दो लाते कहाँ से हो धीरज इतना।
पिता से ज्यादा करतें हम इज्जत तुम्हारी!
बेटा हो या भाई तुमने कभी अंतर न समझा,
अपनी नहीं पर सबकी..
सुख सुविधा का रखते हो ख्याल भरपूर।
हे!ईश्वर हर जन्म में दे ऐसा भाई मुझको,
रखें जो बहन नहीं बेटी की तरह मुझको।
जन्मदिन की हार्दिक बधाई आपको!
