तस्वीर
तस्वीर
ज़ंग लगी यादों के गलियारे से गुजरते हुए
तुम्हारी धुन्दली सी तस्वीर दिखी,
तुम्हारी तस्वीर में खुद की बीती ज़िन्दगी दिखी,
सूने आकाश मे एक मुठ्ठी धूप दिखी,
समंदर की गहराई, शितिज की अंगराई
गोधुली मे गुम होती एक मुस्कुरहाट दिखी,
टूटे बिखरे मोती, फिके कुछ सपने,
चौखट पे एक अधुरी रंगोली दिखी,
कुछ सुखे आँसू और कुछ अभीमान
थोरे बन्धन थोरा स्वार्थ थोरी ज़िमेदारियां दिखी
ज़ंग लगी यादों के गलियारे से गुजरते हुए
तुम्हारी धुन्दली सी तस्वीर दिखी,
तुम्हारी तस्वीर में खुद की बीती ज़िन्दगी दिखी
और तुमने पूछा तस्वीर देखके क्या करोगे ?
