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tm gan

Drama

3  

tm gan

Drama

ऐसा क्यूँ है

ऐसा क्यूँ है

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ये फिज़ा आज खामोश क्यूँ है,

शीतिज की लाली फिकी क्यूँ है

बादल सांस रोके , तारे उदास क्यूँ है

शब्दों में मेरी कसक है,


फिर भी कोई कहानी 

अभी भी अधुरी क्यूँ है

मेरे रहनुमा,

तेरे मूक स्नेह में अंतरद्वंद क्यूँ है।


चलो फिर से एक कविता लिखें

आंसू के बाढ़ से एक

पुराने घाव पे मरहम करें


यादों की आरी से कोई दर्द कुरेदें

भूली हुई राहों में मुड़के

किसी अपने का नाम लें

चलो फिर से कोई कविता लिखें।


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