इश्क का अरमान
इश्क का अरमान
जब तुम मेरे सामने आती हो,
मेरी नजर तुमसे मिल जाती है
तुम्हारा सुंदर चेहरा देखकर,
मेरे नैनों में तुम छा जाती हो।
जब तुम मुझे मिलती नहीं हो,
तुम्हें मिलने की तड़प बढ़ जाती है,
तुमको देखे बिना मेरी रातें,
खयालों में ही बीत जाती है।
जब जब तुम्हारी याद आती है,
मेरे मन में मायूसी छा जाती है,
अकसर हर एक नया दिन मन में,
नये ख्वाब ले कर आता है।
कहां छूप गई हो जानेमन तुम,
मेरा दिल अब बेकरार हो गया है,
तुम को दिल में समाने का "मुरली",
आज अरमान मुझे पूरा करना है।

